एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों से 2017 तक, पानी से होने वाली बीमारियों में कोलेरा, दस्त, टाइफाइड और वायरल हेपेटाइटिस जैसी बिमारियों के कारण 10,738 मौतें हुईं हैं।
इंडियास्पेंड की 21 जून, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पानी से उत्पन्न बीमारियों के कारण 73 मिलियन कार्य दिवस बर्बाद हो गये हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि पानी से होने वाली बिमारियों के भारत में 69.14 मिलियन मामले दर्ज किए हैं।
2017 तक, दस्त के कारण 6,514 मौतें हुईं और पानी के कारण ही हेपेटाइटिस 2,143, टाइफोइड 2,061 और कोलेरा 20 मौतें हुई।
आंकड़ों के अनुसार, देश भर में पांच साल से 2017 तक पश्चिम बंगाल (14.33%), असम (12.03%), ओडिशा (10.63%) के बाद भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में सबसे अधिक दस्त के कारण मौतें 22.21% मौतें हुई ।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 86% भारतीय परिवारों को “सुरक्षित पेयजल” पहुंच रहा है।
भारत में “सुरक्षित पेयजल” मिलने वाले परिवारों की संख्या 1991 में 62% से बढ़कर 2001 में 78% हो गई, जो 2011 में 86% प्रतिशत (83% ग्रामीण और 91% शहरी) हो गई।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों में दस्त का सबसे बड़ा खतरा रहता है।
2015 के दशक में, दस्त से निपटने के भारत के प्रयासों से स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता के माध्यम से आसानी से रोका जा सकता है।
भारत की 27 मार्च, 2018 को भारत की रिपोर्ट में 52% की आयु से कम उम्र के बच्चों की मौत कम हो गई है।
साभार: इंडियास्पेंड