केंद्र सरकार ने दलित लड़कियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक नई योजना तैयार की है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, इस योजना के तहत हर राज्य में दलित लड़कियों के लिए पांच आवासीय (बोर्डिंग) स्कूल इस आधार पर शुरू किए जाएंगे कि तीन साल बाद इनका संचालन और खर्चे की जिम्मेदारी राज्यों को खुद उठानी होगी।
सामाजिक न्याय मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार, सरकार शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में दलित लड़कियों को समर्पित बोर्डिंग स्कूल खोलने की योजना बना रही है।
शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य को लेकर शैक्षिक रूप से पिछड़े और सामाजिक रूप से कमजोर समुदायों, खासकर उनकी बच्चियों के लिए यह प्रस्ताव है। इसमें राज्य के उन जिलों में पांच स्कूल खोले जाएंगे, जिनमें राज्य की सबसे बड़ी अनुसूचित जाति की जनसंख्या है।
यह स्कूल कक्षा छठी से कक्षा बारहवीं तक शिक्षा प्रदान करेंगे। प्रस्तावित स्कूलों में, अनुसूचित जाति के लड़कियों के लिए 70% सीट आरक्षित होगी और बाकी अन्य श्रेणियों जैसे सामान्य वर्गों और ओबीसी के लिए खुले होंगे।
दाखिले उन लड़कियों के लिए भी खुले होंगे जिनके माता–पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम है।