प्रतापगढ़। यहां के लालगंज गांव में एक दलित के घर पर पत्थर फेंके गए। इसका कारण था कि इस घर के दो लड़कों ने देश की सबसे कठिन समझी जाने वाली परीक्षा में सफलता हासिल की थी। आई.आई.टी. में इन दोनों भाइयों ने सबसे पहले के पांच सौ में जगह बनाई थी। मगर जब यह दोनों भाई घर पहुंचे तो इनका स्वागत गांव की ऊंची समझी जाने वाली जाति ने पत्थरों से किया। इनके घर के सामने की नाली भी बंद कर दी गई।
राजू और ब्रजेश सरोज नाम के यह दोनों लड़के हमेशा से ही पढ़ने में बेहतर रहे हैं। दसवीं की परीक्षा में पिचानवे प्रतिशत अंक इन्होंने हासिल किए थे।
राजू ने बताया कि किसी दलित परिवार का लड़का या लड़की पढ़ाई में अगर आगे निकल जाए तो उसके साथ यही बर्ताव होता है। राजू और ब्रजेश के चाचा मुन्ना सरोज ने बताया कि हम गरीबी से तो लड़ ही रहे हैं साथ ही जातिवाद की इस धारणा से भी। यह हमारे साथ पहली बार नहीं हुआ है। जब ब्रजेश पांचवीं में था तो उसने एक बार मास्टर से कुछ संस्कृत अनुवाद पूछ लिया था तब भी उसे खूब मार पड़ी थी। राजू की उम्र अट्ठारह और ब्रजेश की उन्नीस साल है। ब्रजेश इलेक्ट्रीकल इंजीनियर बनकर प्रशासनिक अधिकारी की परीक्षा की तैयारी करना चाहता है ताकि लोगों की मदद कर सके जबकि राजू एम.बी.ए. करके पैसा कमाना चाहता है ताकि परिवार की गरीबी दूर कर सके। मुन्ना सरोज ने बताया कि हम सात लोग एक ही कमरे में रहते हैं। इसमंे दो बल्ब लगे हैं। राजू और ब्रजेश वहीं जब सब लोग सो जाते हैं तो पढ़ाई करते हैं। हालांकि यहां के कई बड़े नेताओं ने इन्हें पढ़ाई में आर्थिक मदद करने का भरोसा दिया है। यहां के कांग्रेस विधायक प्रमोद तिवारी ने आई.आई.टी. की फीस जमा करने का वादा किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी पढ़ाई में मदद का वादा किया है। इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी वज़ीफ़ा देने का वादा किया है।