लखनऊ। शहर के सहकारिता भवन में 19 अक्टूबर को कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर दलित महिला उत्पीड़न पर कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में जन सुनवाई के तहत कई दलित महिलाओं ने अपने अनुभव बांटे।
ये कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का आंकलन करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में लगभग तीन सौ लोग शामिल थे। आक्सफैम, वाटर एड व वात्सल्य, वनागंना, विज्ञान फाउन्डेशन जैसी संस्थाएं भी शामिल थीं।
जन सुनवाई में कई महिलाओं ने छुआछूत, घरेलू हिंसा, मारपीट, बलात्कार और पलायन जैसे मुद्दे उठाए। सुनने वाले पैनल में मौजूद थे – मार्टिन मैकवान (दलित अधिकार कार्यकर्ता), विमल थोराट (लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता), रजनी तिलक (अध्यक्ष, राष्ट्रीय दलित फोरम), के.के. राय (वकील और कार्यकर्ता) और मीरा देवी (सहसंपादक, खबर लहरिया)। इन सभी ने इन जन सुनवाई में सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की।
दलित महिलाओं के अनुभव मंच पर
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