राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड विभाग ने देश में अपराध को लेकर आंकड़े जारी किये हैं। साल 2016 में दलितों के खिलाफ अत्याचार और अपराध के मामलों में 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साल 2016 में पूरे देश में दलितों पर हुए अत्याचार के कुल 40,801 मामले दर्ज हुए थे। जबकि 2015 में इसकी संख्या 38,670 थी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 30 नवम्बर को ‘भारत में अपराध-2016′ नाम से रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दलितों पर अत्यचार के मामले में उत्तर प्रदेश सूची में सबसे ऊपर है। 2016 में उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए हिंसा के कुल 10426 मामले सामने आये हैं, यानि देश में दलितों के खिलाफ हुए हिंसा का 25.6 फीसदी है।
दलितों पर अत्याचार के मामलों में बिहार दूसरे नंबर पर है। बिहार में 2016 में 5701 मामले दर्ज हुए हैं। लेकिन पिछले 2 साल के आंकड़ों को देखे तो बिहार में दलितों के खिलाफ हिंसा के मामले में कमी आई है। साल 2014 में 7886 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2015 में 6367 मामले सामने आये।
राजस्थान और मध्य प्रदेश, दलितों के खिलाफ हिंसा के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर है।
वहीं, मध्य प्रदेश इस मामले में चौथे नंबर पर है। मध्य प्रदेश में कुल 4922 मामले दर्ज हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में साल 2014 में 3294 मामले और 2015 में 3546 मामले दर्ज हुए थे। तो ऐसे में एमपी में दलितों पर हुए हिंसा के मामले लगातार बढ़ते दिख रहे हैं।
19 शहरों बड़े में दलितों के खिलाफ हुए हिंसा में लखनऊ पहले नंबर पर है। लखनऊ में कुल 262 मामले दर्ज किये गए हैं। वहीं पटना दूसरे और जयपुर तीसरे नंबर पर है।
दलितों पर बढ़ते अत्याचार, यूपी सबसे आगे
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