चित्रकूट जिला के पहाड़ी ब्लाक मा हर साल मेला लागत हवै। पन्द्रह दिन के या मेला मा दुइ दिना दंगल होत हवै। हिंया बहुतै दूरी-दूरी से दंगल मा भाग ले खातिर पहलवान आवत हवैं।
सेवा समिति कार्यकर्ता रमाकांत पांडे का कहब हवै कि तीर्थस्थल होय के कारन पालेश्वर नाथ मा सन 1948 से यहै महीना के पूर्णिमा का मेला लागत हवै।
पहाड़ी प्रधान प्रतिनिधी विजय बहादुर का कहब हवै कि आठ दिना पहिले से मेला के तैयारी होय लागत हवै। कानपुर, इलाहाबाद अउर नेपाल से हिंया पहलवान आवत हवैं। पहलवानन का जीते मा ईनाम दीन जात हवै।
अगरहुंणा गांव का पहलवान राजेश कुमार यादव का कहब हवै कि मैं अठारह साल की उमर से पहलवानी करत हौं, पहिले मोर चाचा भी पहलवानी करत रहै। हमीरपुर, इलाहाबाद अउर झांसी समेत कइयौ जघा पहलवानी करे गये हौं पेव पहिली जीत तौ पहाड़ी मा मिली रहै। पुनाहुर गांव के पहलवान रामबाबू का कहब हवै कि मोर भाई पहलवानी करत रहै तौ पांच साल के उमर से मैं पहलवानी करे लागे हौंबांदा महोबा समेत कइयौ जघा खेले गये हौं अउर जीत हासिल करे हौं।गोसाईपुर गांव का नन्दकिशोर शुक्ला का कहब हवै कि हमार इलाका मा दंगल होत हवै तौ बहुतै मड़ई देखै आवत हवैं। पहलवानन का देख के खुशी मिलत हवै।
रिपोर्टर- सहोद्रा
Published on Feb 1, 2018