गीता फोगट, जिनका जन्म 15 दिसम्बर 1988 को हरियाणा के भिवानी जिले के बालाजी गांव में हुआ, ओलिंपिक में योग्यता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
गीता ने 2010 दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार महिला कुश्ती के 55 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। इस से पहले जलंधर में 2009 में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया था। गीता बताती हैं कि उनकी दादी मां उनकी जगह पर पहले एक पोता चाहती थीं, लेकिन अब वह कहती हैं कि उन्हें गीता जैसी “कम से कम सौ बेटियां और चाहिए उन्हें,” ऐसा गीता कहती है।
गीता की सफलता में उनके पिता, महावीर सिंह का काफी योगदान है जो कि खुद एक पहलवान थे और उनके कोच या शिक्षक भी बने। महावीर सिंह के अनुसार, “सरकारी सहायता अब मिली है, लेकिन शुरुआती अभ्यास काफी कठिन था।”
खुली छत के नीचे गीता और उनकी बहन कुश्ती का रियाज़ करती थीं। 2010 में कॉमनवेल्थ खेल जीतने के बाद बेटियों की जिद पर महावीर सिंह ने उन्हे और रियाज़ के लिए पटियाला भेजा।
गीता ने 2012 के ‘वर्ल्ड रेस्टलिंग चैंपियशिप’ में ब्रोंज मैडल, 2013 के ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ में सिल्वर मैडल और 2015 के ‘एशियन चैंपियनशिप’ में ब्रोंज मैडल जीती।
इस हफ्ते ही उनके पिता और उनके संघर्ष पर आधारित फ़िल्म ‘दंगल’ सिनेमाघरों में आने वाली है। इस फ़िल्म में गीता के पिता का पात्र अभितेना आमिर खान निभा रहे हैं। चूँकि भारत में पहलवानी को दंगल कहा जाता है इसलिए इस फ़िल्म का नाम भी दंगल रखा गया है।
हाल ही में गीता ने अपने साथी पहलवान पवन सरोहा के साथ शादी रचाई – आमिर खान भी इस शुभ दिन पर उनके साथ थे।