लैपटाप मिलै के पहिले अगर चलावब सिखा दीन जात तौ धूल खात या फेर टी.बी. के रूप मा इस्तेमाल कीन जाय वाले लैपटाप का असली फायदा मिल सकत। पहिले चलावब तौ आवैं का चाही तबै तौ लैपटाप मा कुछ कीन जा सकत है।
मुख्यमंत्री बांदा जिला मा 11636 (ग्यारह हजार छह सौ छत्तीस) लैपटाप बांटिस रहै। लैपटाप बांटब जइसे योजना के सराहना कीन जा सकत है। सराहना मा चार चांद तबै लाग सकत रहै जबै उनका चलावब आवत होय। चलावब तौ तबै अई जबै उनका लैपटाप बांटै के पहिले या बाद मा प्रशिक्षण दीन जा सकत। अब लड़का तौ कउनौतान से कम्प्यूटर कोर्स करब शुरू कई दिहिन हैं, पै बिटिया तौ या काम मा पीछे हैं। उनके लैपटाप भाई, मनसवा, देवर ही इस्तेमाल करत हंै। जइसे कि बांदा जिला के कस्बा महुआ के शिवकली का लैपटाप वहिकर मनसवा इस्तेमाल करत है।
इं लैपटाप कतौ-कतौ धरे धूल ही खात हैं। हेंया तक कि कतौ कतौ तौ लैपटाप बेंच दीन गे है। कतौ मोबाइल के चिप (एस.डी. कार्ड) मा गाना पिक्चर भरा के लैपटाप मा लगा के पिक्चर देखत हैं। कतौ-कतौ बिजली ही निहाय तौ चार्ज नहीं होई पावै। मड़ई मोबाइल तौ टैªक्टर के इंजन बैट्री से चार्ज करा लेत है अब लैपटाप कसत चार्ज करैं। या भी है कि जउन बिटियन के भाई शहर मा पढ़त हैं होंआ लई जाय के इस्तेमाल करत हैं।
इनतान के स्थिति मा अगर मुख्यमंत्री कम्प्यूटर प्रशिक्षण करा दें तौ वहिके योजना मा अउर लैपटाप पावैं वाले लड़कन बिटियन खातिर सोने मा सुहागा होई जाय।
तौ होत सोने मा सुहागा
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