फैजाबाद अम्बेडकर नगर कै बात कीन जाए तौ आये दिन किराये के ताई यात्री अउर ड्राइवर मा झगरा हुआ कराथै। अउर हुवय भी काहे ना। तेल कै दाम कम होय जाथै लकिन किराया नाय कम हुवत। अगर तेल कै दाम एक रुपया बढि़गै तौ तुरन्त किराया बढि़ जाथै।
हर जगह गाड़ी के किराया के ताई यात्रिन से बातचीत होय जाथै। पिछले चार पांच महीना मा लगभग तीन रुपया डीजल पेट्रोल कै दाम कम भै बाय। लकिन किराया नाय कम भै। जेसे आये दिन झगरा हुआथै। अगर केहूं मनई का दस किलो मीटर दूर तक जाय का रहाथै। तौ दस पन्द्रह रुपया से कम नाय लेतिन। अगर कुछ वोलै तौ गाड़ी से बीच रास्ता मा उतार दियाथिन इहौ नाय सोचतिन कि षायद वतनै पैसा रहा हुवय। मजबूरी हर केहू के पास रहाथै। ई अक्सर देखै का मिलाथै कि कम किराया बाय तौ दुसरे गाड़ी से आया कहिके नाय बैठउतिन। रोडवेज बसन मा अक्सर देखै का मिलाथै कि किराया लियत समय अक्सर कम किराया दियै से बीच रास्ता मा उतार दीन जाथै। यकरे विषय मा षासन प्रषासन के तरफ से कउनौ नियम नाय बना न ही यहि बात पै उनकै ध्यान जात बाय।
अगर षासन प्रषासन से डीजल पेट्रोल कै दाम कम कराय दीन जाथै तौ किराया पै भी ध्यान दियै का चाही? जेसे किराया के लिए यात्री से झगरा न हुवय? एक रुपया प्रति किलोमीटर किराया हर यात्री लियाथिन। अगर दो किलामीटर जाय का बाय तौ पांच रुपया। अउर पांच किलोमीटर जाए का बाय तबौ पांच रुपया लियाथिन। यही से अक्सर बातचीत होय जाथै। यहि समस्या से उबरै की ताई काव कीन जाए सकाथै?
तेल कै दाम कम भै लकिन किराया नाय
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