इलाहाबाद। ट्रांसजेंडरों के पक्ष में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ ट्रांसजेंडरों को मिलना चाहिए। अगर वह घर के मुखिया हैं तो उनके नाम पर राशन कार्ड जारी होना चाहिए।
दरअसल न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ सिंह और नारायण शुक्ला ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। दायर याचिका में कहा गया था कि नए राशन कार्ड में जेंडर वाले कालम में ट्रांसजेंडरों का विकल्प नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला सीधे खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में हमें राशन कार्ड में जेंडर वाले कालम में ट्रांसजेंडरों के लिए विकल्प देना जरूरी है। ऐसा न करना गैर कानूनी है। ऐसे लोग जो अपनी जन्मजात जेंडर से अलग अपने पहचान महसूस करते हैं। हालांकि राशन कार्ड में महिला, पुरुष के अलावा अदर्स यानी अन्य का विकल्प मौजूद है। मगर जब ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के रूप में मान्यता मिल गई है तो यह तीसरा जेंडर स्पष्ट तौर पर कार्ड में दर्ज होना चाहिए।
तीसरे जेंडर का विकल्प जरूरी
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