जिला चित्रकूट,ब्लाक पहाड़ी ,गांव सालिकपुर हिंया का अनिल 15 अप्रैल से लापता होइगा रहै । पुलिस अनिल का कउनौ पता नहीं लगा पाइस रहै। अनिल के जघा अगर मंत्री के भंइस हेरा जात तौ पुलिस रात दीन एक कइ देत, पै अनिल तौ एक गरीब मड़ई रहै। यहिसे वाहिका पुलिस भी नहीं पता लगा पाइस हवै। मा मजा आ जात हवै ।
अनिल के महतारी कहत हवै। कि मोर पा ला पोसा लड़का मर गा हवै। वा या साल दस मा पढ़त रहै। 15 अप्रैल का मोर लड़का अनिल दस मिनट के भीतर लापता होइगा रहै,पै
वहिका कउनौ पता नहीं लाग।तीन महीना के बाद एक घर मा अनिल के लाश का कंकाल लटका मिला। वहिके हांथ अउर गोड कटे रहै अउर कपड़ा से पहिचान भे कि या अनिल के लाश हवै। तीन महीना मा पुलिस मोरे अनिल का पता नहीं लगा पाइस। अगर यहिके जघा मा कउनौ रुपिया वाला मड़ई होत तौ वहिका पता लगावै मा पुलिस चौबिस घंटा बिता देत। हम तौ ठहरें गरीब।
अनिल के महतारी कहत हवै। कि मोर पा ला पोसा लड़का मर गा हवै। वा या साल दस मा पढ़त रहै। 15 अप्रैल का मोर लड़का अनिल दस मिनट के भीतर लापता होइगा रहै,पै
वहिका कउनौ पता नहीं लाग।तीन महीना के बाद एक घर मा अनिल के लाश का कंकाल लटका मिला। वहिके हांथ अउर गोड कटे रहै अउर कपड़ा से पहिचान भे कि या अनिल के लाश हवै। तीन महीना मा पुलिस मोरे अनिल का पता नहीं लगा पाइस। अगर यहिके जघा मा कउनौ रुपिया वाला मड़ई होत तौ वहिका पता लगावै मा पुलिस चौबिस घंटा बिता देत। हम तौ ठहरें गरीब।
29/07/2016 को प्रकाशित
‘मंत्री की भैंस खो जाए तो पूरी पुलिस फ़ोर्स जुट जाती है खोज में
यहां आदमी के गायब होने पर पुलिस आती तक नहीं है’
तीन महीने बाद मिली चित्रकूट के सालिगपुर के अनिल की लाश