जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव रसिन। हिंया तीन बरस से गौशाला पुरवा तक नहर बनी हवै। जबैकि वा नहर का टिटिहरा गांव तक बनै का हवै। या कारन नहर बनै से किसानन का कउनौ फायदा नहीं आय।
गांव के कमलेश द्विवेदी अश्विनी कुमार अउर प्रेम शंकर का कहब हवै कि लगभग सैकड़न किसानन के खेती करै के जमीन चली गे। नहर बनै से मड़ई मजूरी करै लाग हवै नहर या सोच के सरकार बनवाइस रहै कि किसानन का सिंचाई के सुविधा होइ, पै वहिसे कउनौ फायदा नहीं भा आय। मड़इन का सरकार बेरोजगार कइ दिहिस हवै। पहिले तौ मड़ई अपने जमीन मा सब्जी लगा लेत रहै, पै अब रोज के मजूरी करै का परत हवै। टिटिहरा गांव तक अगर नहर बन जाये तौ किसानन का कुछौ लाभ मिल सकत हवै।
या समस्या का लइके खबर लहरिया पत्रकार सिंचाई विभाग के बाबू कैलाश से बात करिन। उनकर कहब हवै कि सरकार टिटिहरा गांव तक नहर बनै का आदेश करी। तबहिने नहर बन सकत हवै।
तीन बरस से अधूरी हवै नहर
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