जिला बांदा, थाना क्षेत्र कमासिन। हेंया के एक गांव के एक दलित जाति के मनसवा का आरोप है कि वहिके नाबालिक लड़की के साथै रात बारह बजे घर मा घुसके बलात्कार कीन गा। समझउता के दबाव मा न आवैं से दूसर घटना मारपीट अउर तीसर घटना मा जबरइन घर का सामान लई गें। तीनौ घटना के रपट कमासिन थाना मा लिवायेंव। जेहिमा दुई घटना के रपट लिख के धारा लाग गईं, पै आज तक घटना का अंजाम दें वालेन का नहीं पकड़ा गा आय। तबै वा अषोक लाट तरे 5 मई 2015 से भूख हडताल मा बइठ गा। 26 मई 2015 का सिटी मजिस्ट्रेट एस.डी.एम. पुलिस के साथै नियाव का भरोसा दइके अनषन से उठा दिहिन हैं।
मनसवा का कहब है ’26 अगस्त 2014 के घटना के रपट कमासिन थाना मा 27 अगस्त 2014 का लिखा दीनेव। तबै से ज्ञान सिंह पुत्र रामभरोसा सिंह रपट वापस लें का दबाव देत रहैं। 7 अक्टूबर 2014 मोहिका अउर मोर औरत का ज्ञान सिंह घनष्याम, मूलचन्द्र, मलखान, सोनू, मोनू, अउर देवराज खूबै मारिन। 7 अक्टूबर का या रपट भी कमासिन थाना मा लिखायेव। 19 दिसम्बर 2014 का मोर घर का कीमती समान जबरन लइगें। या भी रपट लिखायेवं। बार-बार हमरे साथै घटना के ऊपर घटना होत रहै। पै पुलिस उनका गिरफ्तार नहीं करिस आय। कमासिन थाना मा 26 अगस्त 2014 के घटना ज्ञान सिंह के खिलाफ धारा 452 (घर मा घुसब ) 376 (बलात्कार) 504 (गाली गलौज) 506 (जान से मारै के धमकी) अउर दलित एक्ट लाग है। 7 अक्टूबर 2014 के घटना मा धारा 147, 363, 342, 323, 504, 506 अउर दलित एक्ट लाग है। आज तक उनका गिरफ्तार नहीं कीन गा आय। हमैं हमेषा जानमाल का खतरा बना रहत है।’
एस.पी. राकेष षंकर कहिन कि या मामला के जांच चलत है। कारवाही करैं के प्रक्रिया पूरी होय मा देर तौ लागत ही है। बहुतै जल्दी मामला निपटावैं के कोषिष मा हौं।