ताजमहल के संबंध में सुस्त सरकारी रवैये पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद सरकार इस ऐतिहासिक स्मारक को वायु प्रदूषण की मार से बचाने के प्रयासों में जुट गयी है।
केंद्र ने ताज की हिफाजत के उपाय सुझाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया है। साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि ताजमहल के आस-पास के इलाकों में चल रहे खतरनाक उद्योग अगर प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं करते तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ताजमहल के संरक्षण में प्रशासन के सुस्त रवैये के लिए उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों को आड़े हाथ लेते हुए टिप्पणी की थी कि अगर वे इसका संरक्षण नहीं कर सकते तो इसे ढहा दें।
अदालत के सख्त रुख अख्तियार करने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन और संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार महेश शर्मा के साथ लंबी बैठक की। बैठक के बाद गडकरी ने कहा कि मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति में आइआइटी और नीरी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ-साथ देश के जाने माने विशेषज्ञ शामिल होंगे।
गडकरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार आगरा में ग्रीन फ्यूल का प्रयोग कर प्रदूषण की रोकथाम की योजना बनायी है। उन्होंने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के संबंध में सरकार जल्द ही एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। इसमें ताज के संरक्षण का एक्शन प्लान दिया जाएगा।