यतनी गर्मी मा भी पानी कै किल्लत मनइन का परेषान कै देहे बाय। पानी के ताई मनइन का इधर उधर भटकै का परत बाय। ई हालत बाय अम्बेडकर नगर के भीटी तहसील मा। जहां टंकी लाग लकिन चालू नाय भै। दुई नल बाय उहौ दूशित पानी दियत बाय। अधिकारिन का जनता के समस्या पै ध्यान नाय बाय।
यतनी पानी कै दिक्कत वहि जगह बाय जहां रोज सैकड़न के संख्या मा मनई आवत जाथिन। यहि चिलचिलात धूप मा तौ मनई के पियास होंठे पै रहाथै। लकिन फिर भी पानी के समस्या पै ध्यान नाय बाय। करोड़न रुपया खर्च कइके सरकार तहसील परिसर मा टोंटी लगवाइस लकिन उहौं अबहीं चालू नाय भै। तहसील के हर समस्या पै षासन प्रषासन कै ध्यान रहै का चाही कि कउनौ समस्या जनता का न हुवय।
जनता आपन समस्या तहसील मा लइके आवाथै वकै हल नाय होय पावत दूसर समस्या मिल जाथै। जनता बिना पानी कै कैसे रहै। बिना पानी कै तौ सब सूना बाय। बोतल कै यतना मंहगा पानी कहां तक खरीद के पिया जाए। जब गांव कै मनई ई सब समस्या कै षिकायत कराथिन तौ आम समस्या मानी जाथै। अउर वकै समाधान हुवत सालन लाग जाथै।
हालांकि अधिकारियन कै भी कहब बाय कि जनता के ताई पानी कै बहुत बड़ी समस्या बाय। जैसे बजट आये वइसे पानी कै टंकी चालू कराय दीन जाये। ई आष्वासन कब पूरा होये जनता का कब पानी के समस्या से छुटकारा मिले पता नाय?