स्वास्थ्य विभाग एक कइत कहत है कि नसबंदी करावैं का बढ़ावा दें खातिर मड़इन का बहुतै समझावैं का परत है, पै आपन लापरवाही के हद का काहे नहीं देखत आय? अगर एक दरकी नसबंदी करावैं के बाद दुबारा नसबंदी करावैं का परी तौ इनतान का डाक्टरन का विश्वास करी?
सही पूछौ तौ योजना का भी भरोसा नहीं कीन जा सकत आय। काहे से वहिमा नियम है कि नसबंदी फेल होय मा मुआवजा मिली। डाक्टर के लापरवाही साबित होय मा नसबंदी के बाद पैदा होय वाले बच्चा के पालन पोषण, पढ़ाई से लइके शादी तक का जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग होत है। पर इं सब नियम सरकारी कागज तक सीमित हैं। आज तक कउनौ भी मेहरिया का नसबंदी फेल होय का मुआवजा नहीं दीन गा आय। जबै नसबंदी फेल होय के कारन के रिपोर्ट बनाई जात है तौ वहिमा ज्यादातर स्वास्थ्य विभाग आपन का साफ बचा लेत हैं काहे से जांच रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग के लोग ही बनावत हैं।
डाक्टर के लापरवाही से फेल भे नसबंदी
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