जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव कुड़ार। एते के भोला की सोलह साल की लड़की मिथलेश की 24 अक्टूबर 2014 की रात तबियत खराब हती। जीखी दबाई कराये खे लाने चरखारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से महोबा जिला अस्पताल खा रिफर करो हती। जिते डाक्टरन की लापरवाही से 25 अक्टूबर खा सुबेरे लगभग साढ़े दस बजे मिथलेश की मोत हो गई हे।
भोला बताउत हे कि रात 11 बजे मिथलेश के पेट ओर सिर में दर्द शुरू हो गओ। दबाई खे लाने चरखारी अस्पताल लेके गये तो ओते एक बोतल लगा के महोबा रिफर कर दओ। महोबा इमरजेन्सी वार्ड में एकऊ डाक्टर न हते। फार्मासिस्ट ओर वार्ड वाय ने हमखा ओते से भगा दओ। हम रात भर लड़की खा लये बाहर बेठे रहे। जभे सुबेरे 10 बजे डाक्टर आओ तभे भर्ती करके लड़की खा बोतल चढ़ाई बोतल चढ़े खे बाद तुरतई मिथलेश की मोत हो गई। भोला को आरोप हे कि अगर रात में डाक्टर मिथलेश खा भर्ती कर लेत तो शायद ऊ न मरती।
सी.एम.एस. डाक्टर दयाशंकर ने बताओ कि ई केस के बारे में मोये कोनऊ जानकारी नइयां। जांच करें खे बाद बताओ जेहे कि मामला का हे।
डाक्टर की लापरवाही से लड़की की मोत
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