जिला वाराणसी। लोग ठण्डी से ठिठुरत हयन। इहां तक कि लोग ठण्डी के मारे घर से बाहर नाहीं जात हयन। सरकार के तरफ से गावं वालन के कम्बल बाटे के आदेष आएल हव। लेकिन इहां देखल जाए पूरा गावं में मिला के कहीं एक कम्बल त कहीं दू कम्बल मिल हव। सरकार के तरफ से नाम खातिर के योजना आएल हव या गावं वालन के देवे खातिर के भी।
अगर सरकार ठण्डी में गावं वालन के कम्बल बाटें के योजना निकलले हव त गावं वालन कें देवे के भी चाही। सरकार के कम्बल के योजना निकलले के बाद भी गावं वालन ठण्डी से ठिठुर रहल हयन। अइसन योजना कि कउन फायदा? अभहीं कुछ दिन पहिले मंत्री सुरेन्द्र पटेल अपने घर पर कम्बल बटले रहलन। त वहां भी अइसन भयल कि लोग के भगा दिहल गएल। लेकिन कम्बल सबके नाहीं मिल सकल। सरकार के तरफ से अगर योजना हव त सरकार के खुद जाँच करवा के पात्र पात्र लोग के योजना के लाभ देवे के चाही। ताकि सड़क के पास आउर फुटपाथ रहे वाले लोग के कम से कम कम्बल मिल जाए के चाही। ए समय बनारस के न्यूनम तापमान करीब सात डिग्री सेन्टिगे्रट चलत हव। तब पर भी लोग के देखभाल नाहीं होत हव। डी. एम. अपने तरफ से योजना पूरा करवावे के आदेष दे देहियन। लेकिन योजना के फायदा के उठावत हव कोई के नाहीं पता। गावं के प्रधान आउर ब्लाक के वी. डी. ओ. चाहे भी जइसे बंाट देहियन कोई के कुछ नाहीं मालूम चलत। अगर सरकार के तरफ से जेतना कड़ाई से कउनों नियम निकलला अगर उतना ही कड़ाई से उ नियम के पालन होए त गावं के जनता के जरूर कुछ ना कुछ फायदा होई।
ठण्डी से ठिठुरत लोग
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