मैनपुरी। प्रदेश के मैनपुरी जिले की पुलिस ने 7 अप्रैल को एक फ़र्ज़ी आई.ए.एस. अधिकारी को गिरफ्तार किया। इसका नाम सुरेश कुमार है। यह खुद को बांदा जिले का डी.एम. बताता था। यह लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए भी ऐंठ चुका है।
सुरेश कुमार ने एम.एस.सी की पढाई पूरी की है। उसने कुछ साल यू.पी.एस.सी. यानी प्रशासनिक सर्विस की तैयारी की। लेकिन परीक्षा पास नहीं कर सका। बावजूद इसके उसने यह कहना शुरू कर दिया कि वह यू.पी. कैडर का आई.ए.एस. अधिकारी है। पुलिस को इस घपलेबाजी की सूचना प्रभुदयाल नाम के एक व्यक्ति से मिली। यह दिल्ली के द्वारका में रहकर ठेकेदारी का काम करते हैं।
प्रभुदयाल की मुलाकात हरियाणा के बहादुरपुर में हुई थी। उस समय सुरेश कुमार ने खुद को पी.सी.एस. अधिकारी बताया था। सुरेश ने बताया कि वह यू.पी. कैडर का आई.ए.एस. अधिकारी है। उसने प्रभुदयाल को फोन पर बताया कि उसके यहां दो चपरासी के पद खाली हैं। उसने प्रति पद के हिसाब से दो लाख रुपए मांगे।
प्रभुदयाल ने दो लाख रुपए फर्जी अधिकारी के खाते में डाल दिए। लेकिन सुरेश सिंह ने पचास हजार रुपए और मांगे। इस पर प्रभुदयाल सुरेश कुमार से मिलने बांदा पहुंचे तो यह भेद खुला। उसने वहां से फ़र्ज़ी डी.एम. को फोन किया तो उसने कहा कि वह छुट्टी पर है। पुलिस के साथ मिलकर प्रभुदयाल ने एक जाल फैलाया। उसने सुरेश कुमार को फोन किया और कहा कि वह मैनपुरी जिले के गांव भांवत में आया है। यहां उसका पैतृक घर है। उसने कुछ रुपए इकट्ठे किए हैं। गांव आकर वह उससे यह पैसा ले जाए।
सुरेश कुमार लालच में आकर वहां पहुंचा जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में सुरेश कुमार ने बताया कि वह जौनपुर का रहने वाला है। उसने बताया कि वह कई लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा ले चुका है।