केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि सार्वजनिक शौचालय में महिलाओं और पुरुष के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल उन लोगों को समान रूप से करने दिया जाए जो कि तीसरे लिंग की श्रेणी में आते हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि इन लोगों को सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने में काफी दिक्कते आती हैं, और इसके लिए जरूरी है कि इन्हें महिलाओं और पुरुष दोनों शौचालयों का इस्तेमाल करने दिया जाए। कई समुदायों में देखा गया है कि इन्हें स्वच्छ भारत अभियान से अलग-अलग रखा जाता है और नागरिक के रूप का दर्जा नहीं दिया जाता है, पर यह इनकी इच्छा होनी चाहिए कि इन्हें महिलाओं के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल करना है या पुरुषों के बने शौचालय का।
इस मामले में भारत ने अमेरिका को भी मात दे दी है। यह फैसला केंद्र द्वारा तब लिया गया जब अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में एक कानून पास किया गया जो कि विवादित शौचालय बिल था। इसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर को शौचालय का इस्तेमाल करने से पहले अपना जन्म प्रमाण पत्र दिखाना होगा। समान नागरिक का हक रखने वाले अमेरिकी ट्रांसजेंडर को अब अपने साथ जन्म प्रमाण पत्र लेकर चलना पड़ेगा क्योंकि क्या पता उन्हें कब शौचालय की जरूरत पड़ जाए। इस बिल में कुछ बदलाव करने के बावजूद यह बिल कहीं न कहीं ट्रांसजेंडर समुदाय से आने वाले लोगों के साथ भेदभाव करता है।