भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने 18वें एशियाई खेलों में छठे दिन फाइनल में खिताबी जीत हासिल करने के साथ ही स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। भारत अब तक एशियन गेम्स 2018 में छह स्वर्ण पदक जीत चुका है।
भारतीय डबल्स जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में कजाकिस्तान की एलेक्जेंडर बुबलिक और डेनिस येवसेव की जोड़ी को 52 मिनटों के भीतर सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात देकर जीत हासिल की।
एशियाई खेलों में टेनिस की पुरुष युगल स्पर्धा में भारत को मिला यह पांचवा स्वर्ण पदक है। इससे पहले, भारत ने 1994, 2002, 2006, 2010 में सोना जीता था।
बोपन्ना ने पहली बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है, वहीं शरण ने 2014 में युकी भांबरी के साथ पुरुष युगल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
पहले सेट में भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की। उन्होंने कजाकिस्तान के खिलाफ 3-0 से बढ़त बना ली थी। दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी को संघर्ष करते देखा गया था। 2-1 से पिछड़ने के बाद बोपन्ना और शरण ने एक गेम जीतते हुए अपना स्कोर कजाकिस्तान की जोड़ी के खिलाफ 3-3 से बराबर कर लिया।
बोपन्ना और शरण की टीम ने इसके बाद फिर से शानदार वापसी करते हुए खेल में अच्छी वापसी की और 4-3 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद, अपनी इस लय को बरकरार रखते हुए भारतीय जोड़ी ने दूसरे सेट को 6-4 से अपने नाम कर स्वर्ण पदक जीता।