जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, कस्बा भरतकूप रेलवे स्टेशन। हिंया लगभग पच्चीस बरस से यात्रिन का बरसात के पानी अउर धूप से बचैं खातिर टीन व्यवस्था नहीं आय। या कारन सैकड़न यात्री गर्मी धूप अउर बरसात से परेशान हवैं। टीन के व्यवस्था खातिर कइयौ दरकी रेलवे स्टेशन मास्टर से कहा गा, पै कउनौ ध्यान नहीं दीन गा। भरतकूप रेलवे स्टेशन मास्टर छेदीलाल का कहब हवै कि बहुतै कम यात्री आवत हवै।एक महीना मा लगभग पच्चासी हजार रूपिया टिकट के आमदनी होत हवै। टीन के व्यवस्था डी.आर.एम. के आदेश से होइ सकत हवै। छह महीना पहिले डी.आर.एम. आय रहै तौ यहिके खातिर कहा गा रहै।
लूक गांव के सन्तू समेत दुइ मड़इन का कहब हवै कि भरतकूप मंदिर मा दर्शन करै खातिर सैकड़न मड़ई दूर दूर से आवत हवै। अगर ट्रेन देर से आवत हवै तौ यात्री परेशान होत हवै। उनके बइठे खातिर टीन के व्यवस्था नहीं आय।
कुछ यहिनतान कहत हवै कानपुर से आवै वाले रंजना अउर कामता का कहब हवै कि टीन के वयवस्था होय का चाही। गर्मी मा मड़ई धूप से परेशान रहत हवै। मड़ई अपने छोट- छोट बच्चन का लइके हिंया हुंवा भटकत फिरत हवैं। यात्री ट्रेन से ज्यादा यात्रा करत हवैं। काहे से कि बस का किराया ज्यादा लागत हवै। यहै से यात्री चार चार घंटा बिना छाया के रहत हवैं। यहिसे कत्तौ भी कउनौ घटना घट सकत हवै। काहे से कि गर्मी बहुतै ज्यादा परत हवै।
टीन के जरूरत
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