जिले की डी.एम. नीलम अहलावत का कहना है कि लोग झूठ बोलते हैं कि उनके घरों में पत्थर गिर रहें हैं। जब सामने लोगों से पूछो तो वह साफ मुकर जाते हैं। इनका इरादा ठेकेदार से पैसे ऐंठने का होता है। लोगों की मानें तो उन्होंने चौकी से लेकर डी.एम. कार्यालय तक सबसे लिखित शिकायत की। उनके पास दरखास की कापी भी है।
चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव भारतपुर, पुरवा रामपुर माफी। यहां गोवर्धन पहाड़ से सटी एक बस्ती है। पहाड़ में होने वाले खनन के कारण वहां से पत्थर चिटककर लोगों के घरों पर गिरते हैं। अब तक यह पत्थर कई घरों के छप्पर तोड़ चुके हैं तो कई बच्चों का सिर फोड़ चुके हैं। जानवर कई बार निशाना बन चुके हैं। लेकिन पुलिस चैकी और खनन विभाग दोनों के लिए यह चिंता का कारण नहीं है।
बस्ती में रहने वाली राजरानी ने बताया कि 1 जनवरी को हमारे जानवर घर के बाहर बंधे थे। तभी ऊपर से एक पत्थर बैल के सिर पर लगा। बैल बेहोश हो गया। उसे चोट भी आई। शिवप्रसाद ने बताया कि कच्चे मकानों की छतों में गिरने वाले पत्थर कभी भी किसी की जान ले सकते हैं। यहां की कल्ली ने बताया कई बार हमारे छप्पर के ऊपर पत्थर गिर चुके हैं। पूरा छप्पर जगह जगह से टूट गया है। ठंड के मौसम में यह टूटा छप्पर और परेशानी बढ़ाता है। किस्मत से हर बार उस समय बच्चे घर में नहीं थे, वरना उनका सिर फूटता। हमने ठेकेदार से कहा तो उन्होंने कहा सौ पचास रुपए लेकर बात खत्म करो। पर हमें पैसा नहीं जान की सुरक्षा चाहिए। ठेकेदार हमें लगातार धमकाता रहता है। मुन्नीलाल ने बताया कि यहां डेढ़ सौ घर हैं। इनमें से ज़्यादातर सरकार द्वारा मिले आवास हैं।
6 जनवरी को भरतकूप चौकी में और डी.एम. को लिखित दरखास दी गई है। जब इस बारे में पुलिस चैकी में जाकर पता लगाया गया तो वहां दीवान ने साफ कह दिया कि ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है।
खनिज अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि एक सौ पच्चीस जगह खनन चल रहा है। हर जगह पहुंचना संभव नहीं है। स्टाफ में सर्वेयर नहीं है। सर्वेयर का काम होता है कि वह खनन वाले इलाके में जब तब जाकर देखे। पुरवा से मुश्किल से दो सौ किलोमीटर दूर स्थित भरतकूप चैकी के प्रभारी के. पी. सिंह की मानें तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।