जिला झांसी, ब्लाक बबीना इते सूखा के बाद अब भोत पानी बरस बे के मारे आदमियन कि फसले ख़राब हो गयी पानी के मारे। फसलन के फल फूल सब झर गये जा के मारे अब मक्का,मूंग,उरदा,तिली,मूगफली सब बरबाद हो गये।
आदमियन ने जा फसल करबे के लाने दस से बीस हजार तक कि लागत लगाई। और अब किसानन को बिल्कुल भी आशा नईया के उनकी लागत निकर याय।
शारदा ने बताई के पानी के मारे हमाई सबरी फसल ख़राब हो गई। अब सरकार तो एन सोच रही के अब तो वरसात हो रई सो किसान को अब फायदा हे लेकिन ज्यादा हो रई सो सब फसले ख़राब हो गयी। हमने बीस हजार को तो बीज लओ तो मोल। कायके परसाल भई नई हती कछु खेती सो कोनऊ बीज नई हतो। और चैत में सो सूखा पर गयी ती।
अबे हे सो जो पानी भर गओ अब बताओ का करे। हमे तो चिंता के मारे दो दिना से बुखार चढ़ रओ के अब का करे किते से दूसरे के रुपईया चुका हे।
सरोज ने बताई के पेड़े एन दिखा रए लेकिन फूल सब झर गये सो अब कछु नई होने हमे तो चिंता हो रई। न हमे कबहु सूखा रहत के रुपईया मिलत परसाल सबको मिले ते और हमे नई मिले ते प्रधान से कई ती पटवारी नों गये ते कोऊ ने नई दुआए।
कत के आजे लेकिन अबे तक कबहु नई आय। आत सो बीच में खा लेत सो का से मिलने हमे।
रामनाथ ने बताई के न हमे कबहु सूखा राहत के रुपईया मिलत परसाल मिले ते पच्चीस सौ बस। के एक बार मिले ते भोत पेले कम से कम चार पांच साल हो गयी तब मिले ते अठारह हजार। और नई मिले कबहु।
हरदास ने बताई के पानी के मारे पूरी फसल ख़राब हो गयी कछु आशा नई दिखा रई जामे तो के कछु हुए फसल। हम तो अब कितऊ के नई रए पूरी तरा से बरबाद हो गए।
आदमियन ने जा फसल करबे के लाने दस से बीस हजार तक कि लागत लगाई। और अब किसानन को बिल्कुल भी आशा नईया के उनकी लागत निकर याय।
शारदा ने बताई के पानी के मारे हमाई सबरी फसल ख़राब हो गई। अब सरकार तो एन सोच रही के अब तो वरसात हो रई सो किसान को अब फायदा हे लेकिन ज्यादा हो रई सो सब फसले ख़राब हो गयी। हमने बीस हजार को तो बीज लओ तो मोल। कायके परसाल भई नई हती कछु खेती सो कोनऊ बीज नई हतो। और चैत में सो सूखा पर गयी ती।
अबे हे सो जो पानी भर गओ अब बताओ का करे। हमे तो चिंता के मारे दो दिना से बुखार चढ़ रओ के अब का करे किते से दूसरे के रुपईया चुका हे।
सरोज ने बताई के पेड़े एन दिखा रए लेकिन फूल सब झर गये सो अब कछु नई होने हमे तो चिंता हो रई। न हमे कबहु सूखा रहत के रुपईया मिलत परसाल सबको मिले ते और हमे नई मिले ते प्रधान से कई ती पटवारी नों गये ते कोऊ ने नई दुआए।
कत के आजे लेकिन अबे तक कबहु नई आय। आत सो बीच में खा लेत सो का से मिलने हमे।
रामनाथ ने बताई के न हमे कबहु सूखा राहत के रुपईया मिलत परसाल मिले ते पच्चीस सौ बस। के एक बार मिले ते भोत पेले कम से कम चार पांच साल हो गयी तब मिले ते अठारह हजार। और नई मिले कबहु।
हरदास ने बताई के पानी के मारे पूरी फसल ख़राब हो गयी कछु आशा नई दिखा रई जामे तो के कछु हुए फसल। हम तो अब कितऊ के नई रए पूरी तरा से बरबाद हो गए।
रिपोर्टर- सफीना
26/08/2016 को प्रकाशित
सूखे के बाद अब भारी बारिश से हुआ फसलों को नुक्सान
झांसी के बबीना ब्लॉक के खजराहा बुजुर्ग गाँव में फसलें नष्ट हो गई हैं