जिला झांसी- बुंदेले हर बोलो के मुह हमनें सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी झांसी का नाम सुनते ही झांसी कि रानी लक्ष्मी बाई कि याद ताजा होने लगती है परन्तु इतिहास कि नगरी झांसी के किला कि कहानी बस लोग नहीं जानते झांसी के किले को हांथी खाना नाम से भी जाना जाता है 19 वीं सदी में लक्ष्मी बाई के पति के भाई के लिए यह महल बनवाया गया था। तब रघुनाथ राव सूबेदार के पद में थे।
उस जमाने यहाँ मुजरा होता था और रानी लक्ष्मी बाई कि घुड सवारी होती थी देख भाल न होने के कारण इस समय यह महल जर्जर हालत में है यहाँ बाल्मीकी जाति के लोग रहते हैं रमेश चन्द्र बाल्मीकि का कहना है यहाँ बहुत लोग कब्जा करने आये हैं परन्तु हम लोगों ने कब्जा नहीं करने दिया है धर्मेन्द्र बाल्मीकि का कहना है कि पहले इस महल में लक्ष्मी बाई कि घुड़ सवारी होती थी और पठान भाग लेते थे पुराने लोग बताते है कि पहले यह महल बहुत सुन्दर था।
रिपोर्टर-सोनी
01/09/2017 को प्रकाशित