जिला झासी, गाँव लहार में प्रधान तो बने लेकिन न शौचालय बने न अन्य कोनऊ विकास भओ। जिते आदमियन को पानी भरबे के लाने कोसन दूर जाने परत और न गांव में नाली हे। आदमियन को आरोप हे के प्रधान हमाई सुनत ही नइया।
रुना ने बताई के न हमाई शौचालय बनी न कोऊ की पूरे गांव में कोऊ की नइ बनी शौचालय। सुखदेवी ने बताई के भोत परेशानी हे जैसे बहू अकेली हे और रात बिरात जाने तो का करे किते जेहे अकेली और भोत दूर पहाड़ पे जाने परत जंगल में मैदान हे नइया के उते चले जाबे।
सुकमारी ने बताई के भोत परेशानी हे शौचालय की तो हमाय दो मोडी मोड़ा हे आदमी हे नइया गुजर गये सात साले हो गयी। सो न कोऊ ने पेंशन बधबाई।
गुड्डो ने बताई के प्रधान तो एसे हे के न बोलत के न चालत के अगर उनसे कछू कओ सो बे उलटी चार और सुना देत। सुखदेवी ने बताई के गांव में एक भी शौचालय नइ आई। न पानी की सुविधा हे इतनी दूर जाने परत पानी के लाने के भारी लगयात रोड पे जाने परत।
सावित्री ने बताई के कोऊ के फार्म नइ भरे। प्रधान से पेंशन की कई सो के रए ते के हओ बधबा देहे। पहले बहू की बधबा देहे फिर तुमाई लेकिन कोऊ की नइ बधी एक साल हो गयी।
भावना यादव प्रधान ने बताई के काम चालू हो गओ दो तीन दिन हो गये। वजट लेट आओ बाके पीछे काम लेट हो गओ। काम चालू हे और जो नइया बो भी हो रओ चालू।
रिपोर्टर- सफीना
Published on Feb 8, 2017