जिला झांसी, गांव गुर्गापुर की शीला जो पानी के लाने लगभग तीन किलो मीटर दूर जाती रोज। शीला इतनी दूरी आंखन की रोशनी न होबे के बाद भी करत।
जो कहानी बुंदेलखंड में पानी की समस्या की केऊ कहानियों में आम कहानी हे। इते की पथरीली जमीन हे और दिन प्रतिदिन गिरत जल स्तर जा समस्या को कम करबे की जगह और बढ़त ही जा रइ।
इते की जमीन को देख के अन्य भागो की तुलना में पछत्तर प्रतिशत ही पानी नसीब होत। कम बरसात के कारन हर तीन से पांच सालन में सूखा पर जात जई के कारन किसान आत्महत्या और पलायन करे पे मजबूर हो जात। उतेई जिला पंचयात सदस्य अरविन्द सिंह यादव ने जल्दी ही पानी की समस्या ख़त्म करबे के बात कई।
शीला ने बताई के हमाय ते पानी की बोहतई परेशानी हे चाहे रोटी न मिले खाबे लेकिन पानी मिल जाबे पानी की बोहतई परेशानी हे। अब तो और गर्मी आ गयी सो और बढ़ जाने जा परेशानी।
रामकुवर ने बताई के हमाय ते पानी की परेशानी भोत दिन से हे कोऊ सुनत ही नइया।
रचना ने बताई के जा पानी के मारे कछू काम नइ कर पात बस दिन भर पानी ही पानी भरत रत। पूरे गांव में एक नल हे बामे भी पानी नइ निकरत।
रामदेवी ने बताई के परेशानी हे सो देख रए सतरह हैण्डपम्प पे जात कुंअन पे जात न नल की सुविधा हे न पानी की सुविधा हे। एक हे सो बामें पानी ही नइ निकरत घंटन बैठे रत बर्तन धरे पानी भरबे के लाने।
हम ओरे सोच रए टंकी बन जाए नल लग जाए तो जनता को पानी की सुविधा हो जाए।
जिला पंचायत सदस्य अरविन्द्र सिंह यादव ने बताई के हमाई जानकारी में हे के इते पानी की परेशानी हे और नेता जी की जानकारी में भी हे। हम जाके लाने चिट्ठी भी जारी कर चुके नेता जी। बस करवाही होके काम शुरू होने।
जो हैण्डपम्प ख़राब हे उनके लाने हम सेकेट्री साहब से अबई बात करत और आज ही उते के हैण्डपम्प सही करवाए। कायके आज जल दिवस हे जीको उदेश्य शुद्ध स्वच्छ जल आदमियन तक पहुचाने लेकिन बुंदेलखंड में जे सब बाते झूठी लगती।
रिपोर्टर- सोनी
22/03/2017 को प्रकाशित