मेरा नाम रिया सिंह है और मैं बांदा में रहती हूं। मेरा बचपन से एक सपना था कि मेरी जिंदगी में कोई राजकुमार आएं। पर मेरी शादी छोटी उम्र में हो गई। शादी के बाद मुझे बिल्कुल अलग सी जिंदगी मिली, जिसमे प्यार नहीं था। मैंने शादी के कुछ समय बाद ही पति को तलाक दे दिया।
उसके बाद मेरी एक नई कहानी शुरु हुई। मुझे प्रेम नाम के एक लड़के का फोन आया, उसने मेरा नम्बर मेरी सहेली से लिया था। मेरी और प्रेम की फोन पर खूब बात होने लगी। एक दिन उसने मुझे मिलने को बोला, तो मैने कहा कि मैं कानपुर में हूं। उसने कहा कि मैं खुद भी कानपुर में हूं। क्या हम दोनों साथ में कानपुर से घर जा सकते हैं? मैने डरते हुए, हां कह दिया। सफ़र के दौरान, उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी। मैंने पीने से मनाकर दिया, और उसको बता दिया कि मम्मी ने कहा है किसी भी लड़के के हाथों कुछ खाने पीने को मत लेना!
एक दिन उसने मुझे फोन करके सुबह सैर पर आने को कहा। साथ ही उसने मुझे कहा कि हम रेस लगाएंगे। मैंने तपाक से कहा फिर तो तुम हार जाओगे। उसने कहा देखते हैं। फिर क्या था, हमनें रेस लगाई और वो रेस और दिल दोनों हार गया!
नवरात्र के दिन चल रहे थे। उसने मुझे सुबह 6.30 बजे मंदिर में मिलने को कहा। मैं जब मंदिर पहुंची तो मैंने उसे कहा कि मैं फूल और प्रसाद कुछ भी नहीं लाई। उसने मेरी तरफ देखा और बोला कि मैं जो बात तुमसे कहने जा रह हूं, उसके लिए मंदिर से अच्छी जगह कोई और नहीं हो सकती है। उसने मुझसे कहा कि वो पूरी जिंदगी मेरे साथ रहना चाहता है। ये सुनकर मैं बहुत खुश हुई।
हम दोनों को साथ रहते हुए, दो साल बीत गए। एक दिन उसके एक दोस्त ने मेरे से कहा कि मैंने प्रेम को एक लड़की के साथ देखा। मैंने उसकी रिश्ते की बहन हो सकती हैं, कहकर बात टाल दी। पर मुझे तब धक्का लगा जब मैंने खुद उसे उस लड़की के साथ देखा, तब मैंने उसे पूछा कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया। पर उसके पास कोई जबाव नहीं था।
मेरे प्रेम की कहानी धोखे के साथ ही खत्म हो गई।
05/05/2017 को प्रकाशित