जन्म से ही हाथ-पैर से विकलांग, चलने-फिरने में असमर्थ हैं, जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव बुदनी के लोगों की पेंशन पाने की आस पूरी नहीं हो रही हैं। कई बार आँनलाइन कराने के बाद भी लोगों को विभागों के चक्कर लगाने पड़ रहें हैं।
काशीराम का कहना है कि मैं एक हाथ से विकलांग हूँ। 2006 में मैने विकलांग प्रमाणपत्र बनवाया था।तब पहले एक हजार फिर बाद में चार सौ रूपये लगे है। फिर भी पेंशन नहीं मिलती है। रामकली ने बताया कि मैं पैर से विकलांग हूँ, शौच जाने के लिए भी दूसरों का सहारा लेना पड़ता हैं।
प्रधान करन पटेल का कहना है कि सभी विकलांग लोगों का आँनलाइन आवेदन करा दिया हैं। विकलांगों को पेंशन मिलने लगे तो कम से कम वो अपना खर्चा चला सकते हैं।
विकलांग जन विकास अधिकारी वन्दना वर्मा का कहना है कि यहां से केवल पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही होती है। बाकी की कार्यवाही निदेशालय से होती है। अप्रैल 2016 से निदेशालय से किसी की पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है।
रिपोर्टर- राजकुमारी
Published on Feb 8, 2018