जि़ला महोबा में चार चरण में हुए चुनाव में एक बारी फिर होड़ मची है। चैदह में से नौ जिला पंचायत सदस्य चुनाव में सामने नहीं आ रहे है। घर से बाहर जाने की बात हो रही है। जि़ला पंचायत अध्यक्ष की सीट के लिये मुख्यमंत्री अखिलेष यादव ने महोबा में रमेष यादव की पत्नी ममता यादव को जिला पंचायत की सीट घोषित कर दी थी। नौ सदस्य चुनाव में सामने न आने के कारण अपने आप को महोबा जिला से बाहर बता रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि चुनाव की तारिख भी तय हो चुकी है। जो 7 जनवरी को है। इसके लिये पुलिस ने पूरी कोषिष की है सदस्यों को सामने लाने की पर नाकाम नजर आ रही है। यहां तक की पसवारा सीट से जीते और बा.स.पा. के पूर्वजिलाध्यक्ष व परिवर्तन मंच के बुन्देल खण्ड प्रभारी हरीसिंह वर्मा सरकारी जमीन में मकान होने का आरोप लगाते हुए घर गिराने की कोषिष की गई पर कोई असर नहीं पड़ा। परिवार वालो का कहना था कि वह झूठा आरोप है और यह चुनाव की साजिश रची जा रही है। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की इसको तो सीधे मुख्यमंत्री अखिलेष यादव के द्वारा हैडिंल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सीधे सदस्यों और जिले में बैठे अधिकारियांे से फोन में बात रहे है। बताया जाता है कि पूर्वमंत्री सिद्धगोपाल साहू की बहू आरती साहू ग्याड़ी से जीति थी। पूर्वमंत्री सिद्धगोपाल साहू को विधान सभा के चुनाव में टिकट देन को कही गई है। अंषु षिवहरे से ममता यादव को वोट देने पर उसके पति रमेष चन्द्रा व्यापम घोटाले पर फरार होने पर उसको सुरक्षित रहने की बात कही और बेलाताल के प्रत्याशी को पाॅलिटेक्निक बनावाने की बात कही अगर वोट नहीं दिया तो पॉलीटेक्निक कालेज दूसरी जगह बनवा दिया जयेगा। कर कुछ भी हो जल्दी ही उनको पता और इक्टठा करने की बात कहते है। नौ जिला सदस्यों के सामने न आने के कारण अधिकारियों मे अपने पद बचाने को लेकर हड़कंप मचा है। हालां की इसकी जांच एल.आई.यू. विभाग को दी गई थी।
एल.आई.यू. विभाग के दिनेष कुमार बताते है कि अभी तक गायब सदस्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा की सब दिल्ली पंजाब और पकिस्तान घूम रहे हैं। जब चुनाव होगा 7 जनवरी को आ जायेंगे।