रोजगार के आसरा जगावै वाली मनरेगा योजना मा सरकार के दावा करै के बादौ मजदूरन का मजदूरी नहीं मिलत आय। जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव लपाव के लगभग पचास मजदूर 2016 तालाब अउर सड़क मा काम करिन रहै पै अबै तक मजदूरी नहीं मिली आय। रुपिया के कमी के कारन इं मजदूरन का आपन परिवार के खर्चा चलाउब मुश्किल होइगा हवैं।
सुचित का कहब हवै कि ढाई साल पहिले काम लाग रहै। आठ सौ सोलह मड़इन के जांबकार्ड बनें हवैं जेहिमा चार सौ मड़ई काम करिन रहै। हमें दुई साल से दुई महीना के मजदूरी नहीं मिली आय। आपन रुपिया मांगित हवै तौ प्रधान लड़े का तैयार होइ जात हवै। आशा देवी रोवत-रोवत बताइस कि मोर मनसवा बाइस साल पहिले खतम होइगा रहै। तबै से मेहनत मजदूरी कइके कउनौतान आपन खर्चा चलावत रहिहौं पै अबै तक मोर डेढ़ महीना के मजदूरी का रुपिया नहीं मिला आय।
बच्ची देवी का कहब हवै कि बहत्तर दिना मैं मनरेगा मा काम कीने हौं, पै अबै तक एकौ दिना के मजदूरी नहीं मिली आय। गुलाबचन्द्र का कहब हवै कि जउन मड़ई कत्तौ काम करै नहीं गे आहीं, उनकर नाम रुपिया निकला हवै। लछमिनिया बताइस कि हमार रुपिया दुसरे के खाता मा डाल देत हवै। कहत हवै कि तुम्हार मनसवा के खाता मा रुपिया हवै, जबै वा सूरत से अई तौ निकाल लिनेव।
प्रधान प्रतिनिधी रामसरन का कहब हवै कि तीन-चालिस मड़इन के लगभग चार-पांच लाख रुपिया पड़ा हवै। मड़इन का चार पांच महीना से मजदूरी नहीएँ मिली आय। बीडीओ,जेई अउर जिला मा दरखास दइ चुके हौं। लखनऊ मा भी दरखास दीने हौं पै तबहूं मजदूरी नहीं आयी आय।
डीएम शिवाकांत दिवेदी का कहब हवै कि यहिके जांच कराई जई अउर मनरेगा विभाग से पूछा जई। लपाव गांव के मजदूर का मजदूरी दीन जई।
रिपोर्टर- मीरा जाटव और सुनीता देवी
Published on Feb 5, 2018