इस बार मानसून कई राज्यों में कहर बरपा रहा है। यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली और एनसीआर में 24 घंटे में काफी जोरदार बारिश हुई है। अगले 24 से 48 घंटों में भी भारी बारिश की बात मौसम विभाग ने कही है। चार महीने के मानसून के दौर ने तीन महीने का सफर पूरा कर लिया है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून का अभी तक का प्रदर्शन 1 जून से 1 सितम्बर तक देश के आठ राज्यों को छोड़ कर अन्य राज्यों में सामान्य रहा है और पूरे देश में सामान्य से मात्र 6 फीसद ही कम बारिश हुई है। मौसम विभाग ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सितंबर में 15 दिन तक मानसून के देश में सक्रिय रहने और इस दौरान सामान्य से तेज बारिश का दौर चलने का अनुमान जताया है।
वहीं, केरल के मामले में मौसम विभागन ने कहा है कि उसने सभी जरूरी मौसम चेतावनी तिरुवनंतपुरम के कार्यालय के माध्यम से जारी की थी। विभाग के मुताबिक बारिश की कमी वाले राज्यों में हरियाणा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर के चार राज्य शामिल हैं, जबकि सिर्फ एक राज्य केरल में सामान्य से अधिक बारिश हुई। वहीं एक जून से एक सितबंर तक पूरे देश में सामान्य से महज छह फीसद कम बारिश दर्ज की गयी है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा, झारखंड, लक्षदीप और पश्चिम बंगाल के अलावा पूर्वोत्तर राज्य मेघालय, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में सामान्य से काफी कम बारिश हुई।
मौसस विभाग के एक विश्लेषण में मानसून की एक चिंताजनक प्रवृति सामने आई है कि पिछले तीन दशकों का औसत देखें तो पूरे मानसून की ज्यादातर बारिश (95%) कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के दौरान हुई जिससे भारी जलभराव, बाढ़ और मुंबई व केरल जैसी तबाही का सामना करना पड़ा।
आंकड़ों के मुताबिक, देश के 22 घनी आबादी वाले शहरों में 95 फीसद बारिश तीन दिनों से लेकर औसतन 27 दिनों के बीच हुई है। यही हाल अहमदाबाद, जयपुर, बंगलुरू, लखनऊ जैसे शहरों का रहा है।
आंकड़ों से साफ है कि 22 में से 12 शहरों में दक्षिण पश्चिम मानसून बारिश के कुल घंटों में गिरावट आई है। ये आंकड़े 1969 से वर्ष 2000 के बीच के हैं और यदि शहरों में कुछ घंटों के भीतर ज्यादा बारिश होती है तो यह शहरी बाढ़ पर व्यापक असर डालेगी।