अक्सर कहा जाथै कि अगर रास्ता न रहे तौ मनई कइसे अपने घर से निकरिहैं। कैदसे उनके आवष्यकता कै पूर्ति होये। अउर ई सच बाय कि रास्ता के ताई हर जगह मारपीट आये दिन हुआ कराथै। ठीक इहै हाल बाय अम्बेडकर नगर के कटेहरी ब्लाक निनामपुर रोड कै। हिंआ रेलवे क्रासिंग न बनै से जान जोखिम मा डारके मनई आवत जाथिन।
निनामपुर रोड पै रेलवे क्रासिंग न बनै से दसन गंाव कै मनई चैबिसौ घंटा आवत जाथिन। रेलवे लाइन के नीचे से बना रास्ता पै पानी भरि जाथै। दूसरी तरफ रेलवे लाइन के किनारे जे.सी.बी. से खाई खोदाई गै बाय। ऐसे मा मनई आवय जाए तौ कइसे? ग्रामीण मनई कै चिन्ता रेलवे विभाग का नाम। सिर्फ गंाव वाले ही नाय स्ेूली गाड़ी, मोटर साइकिल चार पहिया वाहन कउनौ तरह मनई आवत जाथिन। केतनी बार दुर्घटना भी होय चुका बाय। लकिन मजबूरी मा मनई जान हथेली पै रखके रेलवे क्रांिसग से आवत जाथिन।
यतनी समस्या मा ग्रामीण जनता करै तौ काव करै? जब विभागै नाय चेतत बाय? कि समस्या दूर करै। जेसे ग्रामीणन का आवै जाए कै राहत मिलै। अधिकारिन कैि माना जाए तौ अबहीं तक कउनौ प्रस्ताव नाय आय बाय कि रेलवे क्रांिसग बन सकै? जेसे ऐसे ही जान जोखिम मा डारके आवै जाए का परे।