–सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह का जन्म 3 जून 1940 में हुआ था। इंदिरा भारत की पहली महिला एडिशनल सॉलिसिटर–जनरल रही हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट के 154 साल के इतिहास में वो पहली महिला वकील हैं जो सीनियर एडवोकेट बन सकीं।
–एक नामी वकील होने के बावजूद इंदिरा को उन समस्याओं से भी जूझना पड़ा जिनसे एक सामान्य महिला जूझती है। एक साक्षात्कार के दौराम इंदिरा ने बताया कि देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में यौन शोषण का शिकार होना पड़ा था।
–इंदिरा ‘लोयर्स कलेक्टिव‘ नाम का एक एनजीओ भी चलाती हैं। जो उन लोगों को सहायता देता है जो पैसे की कमी के कारण क़ानूनी लड़ाई नहीं लड़ पाते हैं।
–हाल ही में इंदिरा तब सुर्ख़ियों में आई जब उन्होंने 10 वर्षीय बलात्कार की शिकार लड़की के लिए कोर्ट से दस लाख के मुआवजे की मांग की। लड़की ने अगस्त में ही एक बच्चे को जन्म दिया है। इंदिरा ने कोर्ट से कहा कि पीड़िता को 10 लाख मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि उसे अब बच्चे की भी देखभाल करनी है।
–इंदिरा को देश में भ्रष्टाचार से लड़ने और समाज के कमजोर वर्गों के लिए लड़ने और अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए रोटरी मानव सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें सार्वजनिक मामलों में अपनी सेवाएं देने के चलते 2005 में भारत की राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री दिया गया था।