हरियाणा में जाट समुदाय के एक हिस्से ने नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर 5 जून से अपना आंदोलन दोबारा शुरू कर दिया। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए आरक्षण की हरियाणा सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। इसी के बाद आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJA) ने फिर से आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया।
हालांकि । AIJA के नेता यशपाल मलिक ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। हरियाणा ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था।
इसके अलावा सभी संवेदनशील जिलों में धारा 144 लागू है। अर्ध सैनिक बलों की 55 कंपनियां पूरे हरियाणा में तैनात कर दी गई हैं। सरकार ने कई जिलों में इटरनेट सर्विस पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने साफ कर दिया है कि हिंसा करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
इससे पहले किये गये आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था।
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुहम्मद अकिल ने कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखेगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी तरह से सड़क या रेल मार्ग जाम करना बर्दाश्त नहीं करेगी। पुलिस जिम्मेदार नागरिकों के साथ ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए बैठकें कर रही है।