जिला बांदा। उत्तर प्रदेश सरकार कुपोषण दूर करैं खातिर कइयौ तान के स्वास्थ्य अउर खान पान के व्यवस्था करत है। यहिके बाद भी जिले मा मार्च 2016 वाली रिपोर्ट के हिसाब से नौ हजार छह सौ छियानबे बच्चा अति कुपोषित हैं। जइसे कि 24 अप्रैल का शादीमदन पुर गांव मा भे कुपोषण मिशन के बइठक मा 7 बच्चा अति कुपोषित पाये गें हैं। जिनका जिला अस्पताल मा भर्ती करावा गा। बड़ोखर खुर्द ब्लाक, गांव जमालपुर के शीलू कहिस कि मोर साढ़े चार महीना के लड़की इशिका डेढ़ किलो के रही है। अब पांच दिन होइगे जिला अस्पताल के एन.आर.सी. वार्ड मा भर्ती कीन हौं।
तिन्दवारी ब्लाक के गांव चिल्ला के पुषिया कहिस कि मैं नाती का लीने 16 दिन से भर्ती हौं। मोर नाती डेढ़ साल से ज्यादा है, पै बइठ तक नहीं पावत। 16 दिन होइगे सोचत हौं कि छुट्टी दई दें, पै अबै नहीं देत आय।
एन.आर.सी. के स्टाप नर्स सुरवी गुप्ता कहिस कि कुपोषण के शिकार बच्चन का अंडा, दूध फल खाना सब दीन जात है अउर जउन लोग बच्चन के साथै मा आवत हैं। उनका खाना अउर पचास रूपिया रोज दीन जात है। पहिले सौ रूपिया दें का नियम रहै, पै खाना लोग अपने से खात रहैं। या मारे या साल अप्रैल 2016 के नये जिओ मा शासन स्तर से 50 रूपिया रोज अउर खाना दें का नियम आवा है। बच्चन का उमर के हिसाब से वजन कीन जात है। नियूनतम बच्चा 5 किलो 8 सौ 82 ग्राम का होय का चाही। तबै एन.आर.सी. से घर भेजा जात है।
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अजुर्न सिंह कहिन कि हेंया से कुपोषित बच्चन का दुगना पोषहार दीन जात है। यहिमा अलग से बजट आवैं का कउनौ प्रावधन निहाय।
जांच मा मिले कुपोषित बच्चा
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