9 अउर 10 जुलाई 2013 का उत्तर प्रदेश के कैबिनट (लोक निर्माण, सिंचाई अउर सहकारिता) मंत्री शिवपाल यादव का दउरा बांदा के पी.डब्लू.डी. अउर सेतु निर्माण निगम का भारी परा। काहे से पी.डब्लू.डी. के इक्कीस अउर सेतु निर्माण निगम के चार अधिकारिन का निलंबित कई दीन गा है।
मंत्री जउन कामन के जांच करिन उंई कामन मा इं निलंबित अधिकारी शामिल रहैं। कतौ न कतौ यतने अधिकारिन का निलंबन या बात का एहसास देवावत है कि मंत्री दुई दिन मा आपन पार्टी के बड़ाई अउर बसपा पार्टी के कमी देखावैं चाहिन। काहे से जांच मा उंई ही ज्यादातर कामन का देखिन जउन बसपा सरकार के समय पास भे रहैं। जइसे चिल्ला पुल, बांदा का मेडिकल कालेज, सर्किट हाउस, कृषि विश्वविद्यालय, ओवरब्रिज, बाईपास रोड, केन नदी मा बनैं वाला एक अउर पुल, फोरलेन सड़क, चैडगरा का ओवरब्रिज जांच मा शामिल हैं। मंत्री का इनके गुणवत्ता मा कमी नजर आई है। सबसे बड़ी बात तो या है कि बसपा पार्टी के बहुत ही जिम्मेदार अउर करीबी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी बांदा के ही रहैं वाले आहीं। बांदा मा नसीमुद्दीन सिद्दकी के बारे मा या भी चर्चा है कि उंई जबै से मंत्री भे तौ बांदा मा बहुतै विकास भा है। उंई भी बसपा सरकार के समय लोक निर्माण विभाग के मंत्री रही चुके हैं अउर हाल ही मा दुबारा से उनका लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनावा गा। सवाल तौ या उठत है कि मंत्री सपा सरकार के कामन के जांच काहे नहीं करिन? इनतान मा मंत्री के मंशा तौ साफ झलकत है कि उंई 2014 मा होय वाले लोक सभा चुनाव का ध्यान दइके या जांच करिन हंै।
जांच मा झलकैं मंत्री के मंशा
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