जिला झांसी, गांव पथराई और विजयगढ़ खेती से जिन्दगी हती बो भी सरकार ने छुड़ा लई एसो केबो हे विजयगढ़ और पथराई जैसे केऊ गांव के आदमियन को। जब उते बांध बनाबे के लाने किसानन से पंद्रह साल पहले उनकी जमीन ले लई गयी ती और अबे मुआबजा नइ मिलो। जीसे आदमी भूखन मरबे की हालत पे हे। रोजी रोटी की तलाश में पलायन करबे के लाने मजबूर हे।जिला झांसी, गांव पथराई और विजयगढ़ खेती से जिन्दगी हती बो भी सरकार ने छुड़ा लई एसो केबो हे विजयगढ़ और पथराई जैसे केऊ गांव के आदमियन को। जब उते बांध बनाबे के लाने किसानन से पंद्रह साल पहले उनकी जमीन ले लई गयी ती और अबे मुआबजा नइ मिलो। जीसे आदमी भूखन मरबे की हालत पे हे। रोजी रोटी की तलाश में पलायन करबे के लाने मजबूर हे। मीना अहिरवार ने बताई के जब जमीन गयी ती तो सरकार ने बोली ती के रुपइया देहे और अबे तक नइ दए। डी एम् के पास भी गये। जमीन हती बई चली गयी अब मजदूरी करके खात। जो मिल जात सो कर लेत। आज कल तो मजूरी भी नइ मिल रई। राजकुमार ने बताई के न बच्चन को पढ़ा लिखा पा रए न खबा पिबा पा रए ढंग से। गुजरात जा रए मजूरी करबे रुपइया नइया तो टट्टी वाले डिब्बा में बैठ के जा रए। हमाई कम से कम दस एकड़ जमीन गयी। गौरी शंकर ने बताई के हमाई बोहतई पुरानी लड़ाई हे कोऊ को बीस साल हो गये कोनऊ को पच्चीस साल हो गये कोनऊ को तो सवा सौ साल हो गये। वो अंग्रेजन के समय को बनो हे बांध। हम ओरन को मुआबजा काय नइ मिलो जो न हमाई समझ में आई न अधिकारियन की समझ में आई। हमाई दो मांगे हे हमाय खेत खाली कर दो या हमाओ मुआवजा देदो। तो हम ओरे और कितऊ जमीन लेहे। हम ओरन ने संगठन बनाओ जीमे से हमाय सात जिला के आदमी हे। जब तक जे किसानन को न्याय नइ मिले तब तक हम लड़ाई लडत रेहे फिर चाहे कछू होबे। सोलह मुकदमा हो गये लाठी चार्ज हो गयी जेल हो आय बाके बाद भी शांत नइया जैसे भी हुए किसानन की लड़ाई लड़ी जेहे। भानु साहू ने बताई के समस्यन को राज हे के बुन्देलखंड राज्य बन जाए कोऊ की समस्या नइ रे जेहे। किसान दयनीय हालत में हे। पहले कई जात ती के पुरानी सरकार से सुनवाई नइ हो रई और अब तो नइ सरकार में तो और मुसीबत आ गयी। जिनकी सरकार बन के आई बे तो विरोधी ही हे किसान के अब तो कोर्ट जाने पर हे। सरकार के बस को कछू नइ बचो। जब चुनाव को समय आत तो बोहताई वादे और मीठी मीठी बाते करत। और जैसे ही चुनाव निपट जात तो उनके किसान मर जात
रिपोर्टर- सोनी
Published on Jul 28, 2017