एते के तालाब में बल्लू खां के नाम पट्टा हे। जीमे गांव के आदमी कब्जा करे हें। कब्जा के साथे आदमी तालाब में जहरीला तेल डार खे मछली मार देत हे। जीखी कारवाही खे लाने बल्लू खां ने तहसील में गोहार लगाई हे।
बल्लू खां ने बताओ कि दो साल पेहले मोओ तालाब में पट्टा भओ हतो। जीमे में मछली पालन को काम करत हों। जीखी 7 लाख 7 हजार रूपइया के किस्त मोये भरने हे, पे गांव के आदमी जीखे पेहले पट्टा हते ऊ तालाब में कब्जा करत हें। ओर जहरीला तेल डार खे मछली मार देत हें। जभे कि ऊ आदमियन खे पट्टा 16 नवम्बर 2013 खा डी.एम. ने निरस्त कर दये हते। मछली मरे से मोओ बोहतई नुकसान होत हे। में मछली बेंच के ही आपन गजारा करत हों। अगर ऐसई मोई मछली मारी जेहें तो किस्त केसे भर पेहों।
राजू की ओरत अंजली ने बताओ कि ऊ तालाब में हमाओ पट्टा भी हे। जीमे हम सिंघाड़ा के खेती ओर मछली पालन को काम करत हें। बाकी जानकारी हमाये आदमी ही दे पेहें।
मत्स्य विभाग के अधिकारी ब्रजभूषण ने बताओ कि पेहले ग्यारह आदमियन खे पट्टा हते जोन पूर्व ड़ी.एम. ने निरस्त कर दये हते। ईखे बाद भी ऊ आदमी कब्जा नई छोड़त। बल्लू खां की दरखास आई हती। हमने डी.एम. खां लिख के भेज दओ हे। जांच खे बाद कारवाही होहे।
जहरीला तेल डार खे मार देत मछली
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