सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की एक शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति हेतु उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के नाम पर फिर से विचार होना है।
पिछले सप्ताह सरकार ने जोसेफ के नाम को कॉलेजियम के पास वापस भेजा था।
दस जनवरी को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए न्यायमूर्ति जोसेफ तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा के नाम की सिफारिश की गई थी।
सरकार ने 26 अप्रैल को कॉलेजियम की सिफारिश स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और जोसेफ के नाम पर फिर से विचार करने को कहा था। मल्होत्रा ने 27 अप्रैल को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
कांग्रेस शासित उत्तराखंड में 2016 में राष्ट्रपति शासन लगाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को निरस्त करने वाली पीठ के प्रमुख न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत के लायक नहीं माना।
केन्द्र का कहना है कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानकों के अनुरूप नहीं है और उच्चतर न्यायपालिका में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधत्व है। जोसेफ केरल से ही आते हैं।
जस्टिस कुरियन जोसेफ कह चुके हैं कि होने वाली कॉलेजियम की बैठक में जस्टिस केएम जोसेफ के मुद्दे पर ‘तथ्य’ सामने रखे जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि ‘सरकार ने जिसे तथ्य माना है, वह तथ्य नहीं हैं और वास्तविक तथ्य उनके सामने रखे जाएंगे।’ बैठक के नतीजे को लेकर काफी सकारात्मक हैं।
उन्होंने कहा, ‘पहले की सिफारिश के पीछे के तथ्य और आंकड़े सरकार को समझाए जाएंगे। जब फैक्ट्स और फिगर्स सामने रखे जाएंगे, सरकार को अहसास होगा कि वास्तविक फैक्ट्स क्या हैं और इससे उनका नजरिया बदल सकता है।’