जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव डढ़वामानपुर मजरा गोडी बाबा का पुरवा। हेंया का प्राथमिक विद्यालय जुलाई 2012 से एक प्राईवेट मास्टर के सहारे चलत है। या मारे पढ़ैं वाले बच्चन का भविष्य खराब होत है।
गांव के झल्लू, चन्द्रपाल अउर देशराज बतावत हैं-‘‘प्राथमिक विद्यालय मा मास्टर न होय से हमरे बच्चन के पढ़ाई नहीं होई पावत आय। काहे से गांव के छोट-छोट बच्चा दूसर जघा पढै़ भी नहीं जा सकत आय। प्राथमिक विद्यालय मा एक प्राईवेट मास्टर पढ़ावत है, तौ केतने बच्चन का देखै।”
प्राथमिक विद्यालय मा पढावैं वाला प्राईवेट मास्टर गुलाबचन्द्र का कहब है कि मैं अकेले मास्टर हौं। अगर संकुल प्रभारी मोहिका कउनौ काम खातिर या कापी किताबै लावैं खातिर फतेहगंज बुला लेत है, तौ स्कूल खाली परा रहत है। बच्चा हेंया होआं खेलत रहत हैं। पिछले साल एक प्राईवेट मास्टर प्रधान आपन कइत से राखे रहै तौ दुई जने मा कुछ सुविधा रहै। अगर मंै कउनौ काम का चला जात रहौं तौ वा मास्टर बच्चन के देखभाल करत रहै। या साल प्रधान वहिका नहीं राखे, यहिसे पेरशानी होत है।
संकुल प्रभारी भेला प्रसाद का कहब है कि मंै या बात कतौ नहीं मान सकत हौं कि वा स्कूल मा मास्टर निहाय। वा स्कूल मा दुई शिक्षामित्र हैं जउन पढ़ावत हैं अउर एक सौ सात बच्चा हैं। बी.एस.ए. संदीप चैधरी कहत हैं कि आपन जिला के जउन मास्टर आये हैं उनका अबै स्कूल नहीं दीन गें आय। जइसे मास्टरन का स्कूल मिल जइहैं तौ होआं भेज दीन जइहैं।
प्राइवेट मास्टर के सहारे चलत स्कूल
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