बांदा जिला मा अगर डाक्टर राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के विकास काम के बात कीन जाय तौ विकास के काम मा अउर अधिकारियन के काम करावैं मा बहुतै कमी नजर आवत है। काहे से जब 2013-14 मा चयनित गांवन का विकास काम अधूरा है तौ 2014-15 मा चयनित गांवन के बात बहुतै दूरी है।
अगर 2013-14 चयनित गांवन के विकास काम के जवाबदेही खातिर अधिकारियन के बात कीन जाय तौ उनकर जवाब होत है कि अबै तक बजट नहीं रहा आय। अगर अधिकारिन का सच मा बजट नहीं मिलत आय तौ सरकार के ऊपर भी सवाल है। शासन-प्रशासन या बात से अनजान निहाय कि बजट खातिर प्रस्ताव बनावैं अउर पास करावैं के बीच का समय बहुतै लम्बा होत है।
इनतान के योजना के बुराई नहीं कीन जा सकत पै या योजना मा काम करैं वाले शासन-प्रशासन के काम मा सवाल है। काहे से सरकार न तौ कतौ समय से बजट भेजत आय अउर न तौ कतौ योजना के काम के निगरानी करत आय। जेहिके कारन सालो साल योजना अधूरी परी रहत हैं। अब सवाल या है कि 2013-14 मा चयनित गांवन का काम अबै अधूरा है तौ 2014-15 खातिर चयनित गांवन का विकास कबै होई?
जब सरकार ही समय से काम न कइके नियम का उल्लंघन करत है तौ सरकार उंई अधिकारिन के ऊपर कारवाही कसत करी जउन योजना के नियम सेे बजट अउर निगरानी के न होय से काम नहीं कई पावत आय?
जब प्रशासन ही करैं उल्लंघन……
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