जापान। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के शहर हिरोेशिमा और नागासाकी में अमेरिका ने उन्नहत्तर साल पहले परमाणु बम गिराया था। इन बमों का नाम लिटिल ब्वाय यानी छोटा लड़का और फैट मैन यानी मोटा आदमी था। अमेरिका चाहता था कि जापान इस युद्ध में अमेरिका के सामने घुटने टेक दे।
इन हमलों में करीब ढाई से तीन लाख लोग मारे गए थे। उसके बाद भी कई साल तक जापान के यह दोनों शहरों में इस बम के रासायनिक पदार्थ से निकले धुएं का असर रहा। बीसों सालों तक यहां पैदा होने वाले बच्चे कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों के साथ पैदा होते रहे।
द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 तक चला। इसमें एक तरफ जर्मनी और जापान जैसे देश थे तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, संयुक्त राज्य और सोवियत संघ थे। जापान और जर्मनी उस समय दुनिया में ताकतवर देश थे। अमेरिका ने जापान को सबक सिखाने के लिए दुनिया का अब तक का सबसे भयानक नरसंहार किया यानी एक साथ कई लोगों की जानें लीं । हमले को याद करते हुए छह अगस्त को नागासाकी शहर में एक विश्व शांति प्रार्थना का आयोजन हुआ। इसमें प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी समेत हजारों लोग जुटे।