भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैच इन दोनों देशों के क्रिकेट इतिहास को जानने का एक अच्छा बहाना है। क्रिकेट खेलने का इतिहास स्वतंत्रता से भी पहले यानी बरसों पुराना है। अगर ये खेल इतना मशहूर है तो वो इसलिए क्योंकि ब्रिटिश साम्राज्य भारत में कई सालों तक रहा और क्रिकेट खेल को हमारी संस्कृति का हिस्सा बना गया।
सबसे पहले जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम भारत दौरे पर आई उसके लीडर जीएफ वेरनों थे। वह सीलोन (श्रीलंका) का टूर करके 1889-90 की सर्दियों में भारत पहुंचे थे। 1886 में भारत से पहली बार एक पारसी टीम इंग्लेंड खेलने गयी थी। हालांकि यह दौरा असफल रहा लेकिन इसके बाद एक दूसरे के देश आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। 1888 में भी पारसियों की टीम इंग्लैंड गयी थी और इसके ठीक एक साल बाद नवम्बर में जीएफ वेरनों की टीम भारत आई थी। जिसमें लार्ड हॉक, जेम्स वॉकर, एडवर्ड स्मिथ, अल्बर्ट लेथेम, आर्थर गिब्सन जैसे खिलाडी थे। इंग्लैंड के खिलाडियों को तब इस बात का एहसास हो गया था कि भारतीय लोगों की क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी काफी ज्यादा है।
पहला मैच, 23-24 दिसम्बर 1889 को कलकत्ता क्लब में हुआ था। गिब्सन के शतक ने अंग्रेजों को 62 रनों से बढ़ावा दिया और वर्णन की टीम 9 विकेट से जीत गयी। बंकेपुर और इलाहबाद में कुछ मैच खेलने के बाद टीम बम्बई पहुंची थी और बम्बई जिमखाना मैदान में मैच खेला गया। पारसियों की टीम के खिलाफ खेले गए इस मैच में इंग्लैंड 4 विकेट्स से हार गयी। ये जीत इतिहास के लिए काफी मायने रखती है क्योंकि इस जीत के बाद ही दोनों देशों की इस खेल में रूचि बढ़ गयी थी।
साभार: विसडेन इंडिया