लखनऊ। 9 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक सौ तेइस सेवाओं को जनहित गारंटी एक्ट में जोड़ने की घोषणा की।
जनहित गारंटी एक्ट के तहत राज्य के नागरिक नियम के अनुसार तय समय सीमा पूरी होने के पहले सेवाएं उपलब्ध कर सकते हैं। इस कानून को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती साल 2011 में लाईं थीं। उस समय इस कानून में सिर्फ सत्रह सेवाएं शामिल थीं। समाजवादी पार्टी की इस घोषणा के बाद अब इसमें सौ से ज़्यादा सेवाएं शामिल होंगी।
इस एक्ट के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों के लोगों को बिजली, स्वास्थ्य जैसे विभागों में अपनी शिकायतें दर्ज करने के बाद कारवाही होने का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। हर शिकायत के लिए कुछ दिनों में ही उस विभाग के अधिकारियों को कदम उठाना पड़ेगा। ऐसा ना करने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाही करने का नियम है।
कुछ उदाहरण –
– बंद पड़े ट्रांसफार्मर ठीक करने के लिए 7 दिन दिए जाएंगे।
– मृत्यु प्रमाण पत्र मरने वाले के परिवार को 1 दिन में सौंपा जाएगा।
– उम्र के लिए प्रमाण पत्र 30 दिनों में सौंपा जाएगा।