जिला बांदा। ई गवर्नेंस योजना के तहत गांव-गांव मा चलाये जाय वाले जन सेवा केन्द्र बंद होय के कगार मा हैं। इं केन्द्रन का चलावैं वाले मड़ई कहिन कि यहिसे उनका कउनौ फायदा निहाय।
ब्लाक बड़ोखर खुर्द, गांव जमालपुर। हेंया का अरूण कुमार का कहब है कि मई 2014 से जऩसेवा केन्द्र चलावत रहै। अगस्त 2014 से केन्द्र ही बंद कई दीने हौं। काहे से मोर कमाई नहीं होई पावत रही आय।
ब्लाक महुआ, कस्बा खुरहण्ड। हेंया का जनसेवा केन्द्र अमोल सिंह चलावत है। अमोल सिंह बताइस कि वा जनसेवा के काम के अलावा अउर भी कमाई करत है। या मारे वहिके कमाई होत है। या काम खातिर न तौ सरकार कइत से रूपिया दीन जाय न ही यहिसे कुछ कमाई होय।
ब्लाक तिन्दवारी, गांव पपरेंदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द का मवई गांव। पपरेंदा का अभिषेक अउर मवई का सत्यप्रकाश जनसेवा केन्द्र चलावैं का काम लिहिन रहैं। इं बताइन कि काम न मिलैं से आमदनी न होय से काम बंद कई दिहिन हैं।
बांदा के राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के टीचर डायरेक्टर आर.के. मदान कहिन कि जिला मा कुल जनसेवा केन्द्र खोलै का लक्ष्य एक सौ चैतिस है जेहिमा लगभग सौ चलत हंै। बाकी केन्द्र चलावैं वाले खुद मा अउर भी काम कई सकत हैं। या मारे सरकार से जनसेवा केन्द्र चलावैं खातिर इनका न कउनौतान का सामान दीन जाय अउर न ही अलग से रूपिया।
का है जनसेवा केन्द्र
जनसेवा केन्द्र उत्तर प्रदेश सरकार कइत से एक इनतान का गांव-गांव मा केन्द्र खोला गा है। जेहिसे गांव के मड़ई अपने गांव मा ही खसरा, खतौनी, परिवार रजिस्टर, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, विधवा, बृद्धा पेंशन, बीमारी, शादी अनुदान जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा सकैं। यहिके खातिर सिर्फ बीस रूपिया फीस दें का नियम है।