जिला वाराणसी। सरकार हर चुनाव में वादा करला कि हम सड़क बनवाइब पुल बनवाइब। लाखे कराड़ो रूपिया लगा के योजना भी बनी। लेकिन इ सब पइसा के कउनों फायदा नाहीं हव। कहीं सड़क टूटल पड़ल हव त कहीं पुल टूटल पड़ल हव।
कउनों भी सड़क बनत हव एक साल भी नाहीं चल पावत हव। कहीं ईटां डाल के पड़ल हव त कहीं गिट्टी डाल के पड़ल हव। कहीं नदी के पुल टूट के पड़ल हव त कहीं कुछ। लेकिन सरकार के कुछ नाहीं देखात हव। जैसे कि चोलापुर के नदी के पुलिया के दीवार आठ महीना से टूटल हव। उ सड़क से लाखों लोग आवल जाल करलन। अगर इहां से कोई गिरी त 25 फीट नीचे तक जाई।
सरकार अगर पइसा लगा के योजना बनावत हव त उ सब के मरम्मत हेावे के चाही। लेकिन जब अधिकारी से इ सब के बारे में पुछे जा त अपने चपरासी से कहवा देहियन कि कहदा कि नाहीं हयन। या त फिर एक दूसरे के उपर टालत रहियन। जैसे लगला कि अधिकारी के कउनों जानकारी नाहीं हव।
सब के साथ साथ सरकार के एक बात आउर धियान रखे के चाही कि जवन पइसा सरकार देत हव ओकर सहीं उपयोग होत हव कि नाहीं।
जनता से नाहीं मिले चाहलन अधिकारी
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