जि़ला लखनऊ ब्लाॅक काकोरी। लखनऊ में सबसे कम उम्र की लड़की रचना ने बीडीसी पद का चुनाव लड़ा और जीता भी। उन्नीस साल की रचना ने वाॅर्ड संख्या तीस से जीत दर्ज कराई है। उनके घर बधाई देनेवालों की भीड़ लगी है। गांव के लोग कह रहे हैं कि रचना में राजनीति में आगे तक जाने के गुण हैं। जब नई और जवान सोच आती है तो बदलाव होता है। हमें भरोसा है कि रचना विकास को तेज़ रफ्तार देगी। राजनीति में पहला कदम रखने वाली रचना से खबर लहरिया की पत्रकार ने गहराई से बातचीत की।
सवाल – आप क्या सोचकर चुनाव में खड़ी हुईं ?
जवाब – मेरे घर में राजनीति का माहौल लंबे समय से है। बचपन से ही सरकार, सत्ता की बातें सुनती आई हूं। मेरे पापा तीन बार से बीडीसी हैं। इस बार महिला सीट थी तो मुझे खड़ा किया गया। मेरे लिए भी यह एक मौका था कि मैं भी राजनीति के सफर में अपना पहला कदम बढ़ाऊं।
सवाल – आपको क्या लगता है कि इस क्षेत्र की समस्याएं क्या हैं?
जवाब – देखिए सब जगह बुनियादी समस्याएं तो वही हैं। बिजली, पानी, सड़क मगर सरकारी योजनाओं में हेराफेरी है। हां, अब इस क्षेत्र में उतरी हूं तो थोड़ा गहराई में जाकर इन्हें समझने की कोशिश रहेगी। इनका समाधान निकालने के तरीके खोजूंगी।
सवाल – आपके पिताजी पहले से बीडीसी हैं तो ऐसा तो नहीं कि वही इस पद की जि़म्मेदारी संभालते रहें?
जवाब – देखिए उनसे जानकारी तो मैं लेती ही रहूंगी। तीन बार से बीडीसी हैं इसका मतलब जनता उन्हें पसंद करती है। उनके काम करने के तरीके तो सीखूंगी ही। मगर जब इस क्षेत्र में उतरी हूं तो खुद की नज़र से इस क्षेत्र को जांचूंगी। समस्याओं को समझूंगी। और काम करुंगी।
सवाल – आपने बारहवीं पास की है। आगे भी पढ़ाई जारी है तो आप राजनीति में ही अपना करियर बनाएंगी या नौकरी करेंगी?
जवाब – राजनीति में कदम तो रख दिया है। (हंसते हुए रचना ने कहा) जनता चाहेगी तो आगे राजनीति ही करुंगी। हालांकि लोग तो ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
सवाल – आप महिलाओं के लिए क्या करेंगी?
जवाब – महिलाओं के लिए ज़रूरी है कि वे शिक्षित हों। विकास की पहली शर्त ही है शिक्षा। शिक्षा आपकी जानकारी का स्तर बढ़ाती है सोचने-समझने की क्षमता बढ़ाती है। शिक्षित औरत अपने हक और अपनी पहचान के लिए सजग होती हैं।
जनता चाहेगी तो राजनीति ही करुंगी
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