जिला बांदा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतर्रा मा 3 अक्टूबर का डिलेवरी के दौरान एक औरत अउर वहिके बच्चा के मउत होइगे। परिवार वाले सड़क मा लाश धइके जाम लगा के कारवाही के मांग करिन। मउके मा पहुंचे अतर्रा सी.ओ. अउर एस.डी.एम. कारवाही का भरोसा दिहिन हैं।
ब्लाक नरैनी, गांव सेमरिया कुशल का पुरवा बसरेही। हेंया का रहैं वाला चन्द्रपाल का आरोप है-“2 अक्टूबर के रात मैं आपन औरत गेंदा देवी का डिलेवरी खातिर सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र अतर्रा लई गयेंव। अस्पताल मा न डाक्टर रहै अउर न ए.एन.एम.। ए.एन.एम. अउर डाक्टर का उनके घरन से जगा के लायंेव। उंई दवाई दइके चले गें। दुबारा से डाक्टर के चरौरी विनती कीनेंव तौ डिलेवरी करावंै का तैयार भे। हमसे मोमबत्ती मंगाइन अउर वहिके रोशनी से डिलेवरी कराइन। औरत का जमीन मा लेटा के चलें गें। हम बच्चा दीख तौ वहिके मउत होइगे रहै। गेंदा देवी दर्द के मारे तड़पत रहै खून भी बहुतै जात रहै अउर सुबेरे पांच बजे वहिके मउत होइगे। अगर रात के नींक से इलाज होई जात तौ औरत अउर बच्चा के मउत न होत।“
सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र अतर्रा का डाक्टर सुनील कुमार का कहब है कि अस्पताल का जनरेटर खराब है। यहै से मोमबत्ती जला के डिलेवरी कराई गेे है। बच्चा मरा ही पैदा भा रहा है। औरत के खून ज्यादा जात रह है। हम जिला अस्पताल का रिफर कई दीन रहे हन, पै एम्बुलेंस न रहैं के कारन उंई नहीं लइगें। यहै कारन औरत के मउत भे है।
सी.एम.ओ. कैप्टन डाक्टर आर.के. सिंह का कहब है कि एस.डी.एम. अतर्रा अउर अपर सी.एम.ओ. से जांच चलत है। जांच रिपोर्ट शायद डी.एम. तक आ गे है। मोरे लगे नहीं आई है। मोरे लगे जांच अउतै कारवाही कीन जई। इं मामला दिनै-दिनै बढ़ै के सवाल मा सी.एम.ओ. एक टूक मा जवाब दिहिन कि स्वास्थ्य विभाग जन्म अउर मरण खातिर ही बना है।