बरसात कै मौसम शुरु होतै कहू नाला कै समस्या तौ कहूं बाढ से नुकसान, तौ कहूं मनईन के घर मा पानी घुस जाथै। ई समस्या हर साल मनईन का झेलै का पराथै। लकिन शासन प्रसाषन कउनौ ठोस कदम नाय उठावत।
फैजाबाद के मया ब्लाक काजीपुर माझा मा बाढ़ आवै से मनईन कै सारी फसल खराब होय जाथै। जेसे बहुत बड़ी समस्या कै सामना करै का पराथै। हर साल हुंआ कउनौ राहत सामग्री नाय पहुंच पावत जेसे मनई का चैबिस-चैबिस घंटा तक भूखों बितावै का परा बाय। पिछली वाली बहिया मा गेदहरन का चीनी कै रस पियाय के पूरे दिन रात बिताये रहिन। रीनाऊ, आषीष कै कहब बाय कि हर साल कै इहै स्थिति बाय तौ हमरे सबके ताई शासन पहिले से काहे नाय व्यवस्था करत। लकिन जानवरन का कहां लइके जाये। पूराबाजार के म्ूाड़ाडीहा, सलेमपुर, पूरेचेतन जैसे गांव मा हर साल पानी भर जाथै। यतना ही नाय तरह-तरह कै संक्रामक बिमारी फैल जाथै जवन जल्दी ठीक नाय हुवत। अउर मनई का समस्या से छुटकारा नाय मिलत। जब हर साल बाढ़ आवै कै जानकारी रहाथै तौ षासन प्रषासन कउनौ ठोस कदम काहे नाय उठावत। बाढ़ मा मरीजन तक समय से राहत सामग्री नाय पहुच पावत। तरह तरह के बिमारी कै मार झेले का पराथै। समय से दवाई, राषन पानी न पहुंचै से काफी परेषानी हुआथै। लकिन न ही कउनौ अधिकारी समय से पहुंचै न ही कउनौ राहत सामग्री। हलांकि बाढ़ विभाग कै ओसियर जेती यादव आष्वासन देहे अहैं कि जांच चलत बाय। सुबिधा दीन जाये।
जगह-जगह बाढ़ कै समस्या
पिछला लेख